Connect with us

राष्ट्रीय

एक रुपये का सिक्का बनाने में इससे अधिक करती है सरकार, बनाये जा सकते हैं  1000 तक के सिक्के

एक रुपये का सिक्का बनाने में इससे अधिक करती है सरकार, बनाये जा सकते हैं  1000 तक के सिक्के
सीएन, नईदिल्ली।
सभी प्रकार के सिक्कों और एक रुपये के नोट को सरकार छापती है। वहीं, दो रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट की छपाई भारतीय रिजर्व बैंक करता है। 30 सितंबर 2023 से पहले आरबीआई 2000 रुपये का नोट भी छापता था, लेकिन अब उसे प्रचलन से बाहर कर दिया गया है। एक रुपये का आदमी के जीवन में बहुत बड़ा महत्व होता है। निन्यानवे रुपये कमाने के बाद 100 का आंकड़ा पूरा करने के लिए इसी एक रुपये को जोड़ने के फेर में आदमी पूरा जीवन खपा देता है। इसीलिए किसी महापुरुष ने कहावत बना दी, निन्यावे के फेर में पड़ा आदमी। अब आप सोच लीजिए कि जो एक रुपये का सिक्का आदमी के लिए इतना महत्वपूर्ण है, तो टकसाल में एक रुपये का सिक्का ढालने में कितना खर्च आता होगा, सच बात यह है, आधा भारत नहीं जानता कि टकसाल में एक रुपये का सिक्का ढालने में सरकार को कितना पैसा खर्च करना पड़ता है।
सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी में आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2018 में बताया था कि एक रुपये का सिक्का स्टेनलेस स्टील से बनाया जाता हैण् आरबीआई ने बताया कि इस सिक्के को सरकारी टकसाल में काफी सुरक्षा इंतजाम के बीच बनाया जाता है। स्टेनलेस स्टील से बनने वाले एक रुपये के सिक्के का व्यास करीब 21.93 मिलीमीटर होता है। इसकी मोटाई करीब 1.45 मिलीमीटर और वजन करीब 3.76 ग्राम होता है। इस एक रुपये का सभी सिक्का मुंबई और हैदराबाद स्थित भारत सरकार की टकसाल में ढाला जाता है। आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने यह भी बताया था कि एक रुपये के सिक्के को बनाने का खर्च उसकी कीमत से कहीं अधिक होता है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि एक रुपये का एक सिक्का बनाने में सरकार को 1.11 रुपये की लागत आती है। इसी प्रकार दो रुपये का सिक्का बनाने में 1.28 रुपये, पांच रुपये का सिक्का बनाने में 3.69 रुपये और 10 रुपये का सिक्का 5.54 रुपये खर्च आता है। सभी प्रकार के सिक्कों और एक रुपये के नोट को सरकार छापती है। वहीं, दो रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट की छपाई भारतीय रिजर्व बैंक करता है। 30 सितंबर 2023 से पहले आरबीआई 2000 रुपये का नोट भी छापता था, लेकिन अब उसे प्रचलन से बाहर कर दिया गया है। आरबीआई ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने का ऐलान किया था। 30 सितंबर 2024 तक यह लीगल टेंडर बना हुआ था। आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने यह भी बताया था कि 2000 रुपये का नोट छापने में करीब 4 रुपये खर्च करने पड़ते थे। हालांकि, इस लागत कुछ कमी-बेसी हो सकती है। इसके अलावा, 10 रुपये के 1000 नोट की छपाई में 960 रुपये, 100 रुपये के 1000 नोट की छपाई में 1770 रुपये, 200 रुपये के 1000 नोट की छपाई में 2370 रुपये और 500 रुपये के 1000 नोट की छपाई में 2290 रुपये की लागत आती है।
1000 रुपये मूल्यवर्ग तक के सिक्के जारी किए जा सकते हैं
भारत में सिक्के ढालने का एकमात्र अधिकार भारत सरकार को है। सिक्का निर्माण का दायित्व समय-समय पर यथा संशोधित सिक्का निर्माण अधिनियम 1906, के अनुसार भारत सरकार का है। विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों के अभिकल्प तैयार करने और उनकी ढलाई करने का दायित्व भी भारत सरकार का है। सिक्कों की ढलाई भारत सरकार के चार टकसालों यथा मुंबई, अलीपुर कोलकाता, सैफाबाद हैदराबाद, चेरियापल्ली हैदराबाद और नोयडा में की जाती है। वर्तमान में भारत में एक रुपए, दो रुपए, पाँच रूपए और दस रुपये, 20 रुपये मूल्यवर्ग के जारी किए जाते हैं। 50 पैसे तक के सिक्कों को छोटे सिक्के और एक रूपए तथा उससे अधिक के सिक्कों को रुपया सिक्का कहा जाता है। सिक्का निर्माण अधिनियम 1906 के अनुसार 1000 रुपये मूल्यवर्ग तक के सिक्के जारी किए जा सकते हैं

More in राष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING