राष्ट्रीय
राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील को सुप्रीम कोर्ट ने हड़काया
कोर्ट ने वकील से पूछा कि आप कोर्ट से जा रहे हैं या हम मार्शल बुलाएं
सीएन, नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक वकील को दूसरी बार फटकार लगी है। वकील का नाम है. अशोक पांडे कोर्ट ने राहुल गांधी से जुड़ी एक याचिका के लिए उनपर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में एक और याचिका दी थी। जिसमें उन्होंने 1 लाख रुपये के जुर्माने को वापस लेने की मांग की थी। कोर्ट ने सिर्फ याचिका खारिज ही नहीं की बल्कि कड़ी फटकार भी लगा दी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक पांडे ने 19 जनवरी को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी। दरअसल मोदी सरनेम वाले बयान के लिए राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। उन्हें आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि पिछले साल अगस्त में उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई। इसके बाद वकील अशोक पांडे ने इसे चुनौती दी थी। पांडे ने अपनी रिट याचिका में दलील दी थी कि लोकसभा सदस्यता तभी बहाल की जा सकती है जब सदस्य आपराधिक मामले में बरी हो जाएं। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना लगाते हुए इस याचिका को बेकार बताया था। बेंच ने कहा था कि ऐसी याचिकाएं सिर्फ कोर्ट का समय बर्बाद करती हैं। इस दौरान कोर्ट ने वकील से पूछा कि उन पर अब तक कितनी कोर्ट ने जुर्माना लगाया है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने 200 जनहित याचिकाएं दायर की हैं। इसके बाद कोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। अभी वाली याचिका में पांडे ने कोर्ट से कहा था कि वो जुर्माने का पैसा नहीं दे सकते। इसलिए उसे वापस ले लिया जाए। कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद भी वकील ने कोर्ट में बहस जारी रखी। इस पर जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा यदि आप एक वाक्य और बोलेंगे तो हम अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। आपको ऐसी याचिका दायर करने से पहले 100 बार सोचना चाहिए। यदि आप 200 याचिकाएं दायर कर रहे हैं तो आपको ऐसी याचिका दायर करने से पहले कम से कम कुछ सोचना चाहिए।जब वकील ने इसके बाद भी बहस जारी रखी तो जस्टिस गवई ने कहा-कोर्ट से जा रहे हैं या हम अवमानना का नोटिस जारी करें। पांडे जब इसके बाद भी नहीं माने तो जस्टिस ने कहा, आप जाते हैं या मैं मार्शल को बुलाऊं। इसके बाद अशोक पांडे ने कोर्ट रूम छोड़ दिया। इससे पहले इसी वकील ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती दी थी। उसे भी अदालत ने एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया था। अशोक पांडे वही वकील हैं जिन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाया था। इस मामले में भी कोर्ट ने उनको फटकार लगाई थी। इस बार तो कोर्टरूम का माहौल बेहद नाटकीय हो गया था। स्थिति तब बिगड़ गई जब अशोक पांडे ने पीठ ने इस मामले पर सुनवाई से इनकार कर दिया। पांडे इसके बाद भी अपनी दलील जारी रखने पर जोर देते रहे। एक ऐसा मौका आया तब जस्टिस राजन रॉय और ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने पांडे को फटकार दिया और कहा कि कोर्ट के सब्र का इम्तिहान ना लें।