राजनीति
21 को आतिशी लेंगी शपथ, कैबिनेट में किसे मिल सकता है मौका, रेस में कई नाम
21 को आतिशी लेंगी शपथ, कैबिनेट में किसे मिल सकता है मौका, रेस में कई नाम
सीएन, नईदिल्ली। आतिशी इसी हफ्ते शनिवार को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के सभी मंत्रियों का शपथ ग्रहण एक साथ ही होगा। माना जा रहा है कि उसी दिन कैबिनेट बैठक भी बुलाई जा सकती है। आतिशी कैबिनेट में इस बार दो नए चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आप विधायक दल ने आतिशी को अपना नया नेता चुना था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राष्ट्रपति को भेजी अपनी सिफारिश में 21 सितंबर को आतिशी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण का प्रस्ताव रखा था। नए सीएम के साथ ही चर्चा शुरू है कि आतिशी की कैबिनेट में नए मंत्री कौन बनेंगे। क्या केजरीवाल कैबिनेट के पुराने सभी मंत्री इस बार रिपीट होंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बाकी है ऐसे में देखने वाली बात होगी कि किन नए चेहरों को मौका मिलता है। सूत्रों के मुताबिक, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन जैसे वरिष्ठ मंत्री अपने पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि दलित चेहरे समेत दो नए मंत्रियों को भी शामिल किया जा सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में केवल पांच महीने बचे हैं इसलिए मंत्रालयों में बड़े फेरबदल की संभावना कम दिखती है। आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन के बने रहने की संभावना है। दलित समुदाय से एक चेहरे सहित दो नए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। आतिशी की कैबिनेट में कुछ नए चेहरे दिखाई दे सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि करोल बाग से विधायक विशेष रवि या कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार को पूर्व समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद की जगह दी जा सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार जरनैल सिंह, सोमनाथ भारती, दुर्गेश पाठक और संजीव झा के नामों पर भी विचार किया जा रहा है। ये सभी आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुए मंत्री पद के लिए संभावित दावेदार माने जा रहे हैं। दिल्ली में सीएम के बाद कुल छह मंत्री बनाए जा सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनाव में कम वक्त और विभागों की जानकारी के चलते मौजूदा मंत्रियों को उनके वर्तमान विभागों के साथ बनाए रखा जा सकता है। दो नए मंत्रियों को आनंद द्वारा पहले संभाले गए सात विभागों में से कुछ दायित्व सौंपे जा सकते हैं। आतिशी अब सीएम होंगी और जिम्मेदारी बढ़ेगी ऐसे में उनके कुछ विभागों को अन्य मंत्रियों में बांटा जा सकता है। केजरीवाल सरकार में आतिशी के पास 13 विभागों की जिम्मेदारी थी।
कौन हैं आतिशी
आतिशी के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में सबसे पहली बार कदम रखा था। वो 2015 से 2018 तक दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं। ये तेज तर्रार आप नेता पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की मेंबर भी रह चुकी हैं। आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को हुआ था। उनके माता पिता दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रह चुके हैं। पढ़ाई दिल्ली की स्प्रिंगडेल स्कूल से की। उन्होंने सेंट स्टीफन्स कॉलेज से मास्टर्स की डिग्री से पूरी की। इसके बाद उन्होंने चेवनिंग स्कॉलरशिप पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। वहां उन्होंने मास्टर्स की दूसरी डिग्री हासिल की। आतिशी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। 2013 में आम आदमी पार्टी ने जब सबसे पहले मेनिफेस्टो ड्राफ्ट जारी किया था तो उसमें आतिशी को भी जगह दी गई थी।