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काशी में करेंगे ज्ञानवापी के शिवलिंग की पूजा : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
काशी में करेंगे ज्ञानवापी के शिवलिंग की पूजा : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
उन्हें उनके गुरू ने ज्ञानवापी में आकर शिवलिंग की पूजा करने का आदेश दिया
सीएन, वाराणसी। वाराणसी में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के अंदर शिवलिंग मिलने के बाद अब संत समाज ने काशी में ज्ञानवापी के शिवलिंग की पूजा करने का ऐलान किया है। ये ऐलान केदार घाट स्थित विद्या मठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने की। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें उनके गुरू ने ज्ञानवापी में आकर शिवलिंग की पूजा करने का आदेश दिया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक, जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती फिलहाल मध्य प्रदेश में हैं और उनके आदेश पर वो खुद वाराणसी आए हैं। उन्होंने ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग पर जारी विवाद को लेकर कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि परिसर में मिले स्वरूप को शिवलिंग होने का अभी निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन हमारा मानना है कि इस बात का भी तो निर्णय नहीं हुआ है कि ये शिवलिंग नहीं है।”हिन्दू संत का कहना है कि ज्ञानवापी में स्वयं विश्वेश्वर भगवान प्रकट हुए हैं और अब उनका स्नान, श्रृंगार, पूजा और राग-भोग बहुत की आवश्यक है। जो भगवान की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति है वो तीन साल के बच्चे की तरह होती है। जिस प्रकार 3 वर्ष के बालक को बिना स्नान-भोजन आदि के अकेले नहीं छोड़ा जा सकता, उसी प्रकार ये भी हैं। उन्होंने कहा, अब जब भगवान प्रकट हुए हैं तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी सेवा करें, अन्यथा हम पाप के भागी होंगे। वहीं, 4 जून को पूजा को लेकर संत ने कहा कि हमारे शास्त्रों में ‘स्थाप्यं समाप्यं शनि-भौमवारे’ कहकर शनिवार को सबसे अधिक शुभ दिन माना गया है।