जन मुद्दे
1 सितंबर को नंदा महोत्सव के लिए कदली लेने दल भल्यूटी गांव जायेगा
ईको फ्रैंडली होती हैं मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाएं, 24 कैरेट शुद्ध सोने के गहने पहनेगी मां
सीएन, नैनीताल। श्री राम सेवक सभा नैनीताल द्वारा आयोजित श्री नंदा देवी महोत्सव इस वर्ष 1 सितंबर से 7 सितंबर के लिए तैयारियो को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सभा के दल जिसमें अध्यक्ष मनोज साह, बिमल चौधरी, भुवन बिष्ट, गोधन सिंह ने भल्यूटी गांव में कदली चयन हेतु पूजन किया तथा कदली को अभिमंत्रित किया। 1 सितंबर को महोत्सव के उद्घाटन के बाद कदली दल ज्योलीकोट के भल्यूटी गांव कदली लेने जायेंगे तथा 2 सितंबर को कदली के आगमन पर कदली का नैनीताल नगर भ्रमण होगा फिर कदली से नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण किया जाएगा। इस वर्ष नारायण सिंह कार्की के वहा से कदली लाया जायेगा। कदली पूजन चयन पर ग्राम प्रधान लता साह, मंजू कांडपाल, दीपा रावत, हेमा, खस्ती जोशी, नीलम, नरेंद्र, दीपक बरगली, हेमा बरगली, नंदन बोरा, कुंदन, मोहन बोरा, भुवनेश्वर, श्याम बरगाली, आनंद रावत आदि शामिल रहे।
ईको फ्रैंडली होती हैं मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाएं
नैनीताल। नंदा महोत्सव आयोजन कराने वाली संस्था श्री राम सेवक सभा के पूर्व संरक्षक व 50 वर्ष तक प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले रंगकर्मी स्व. गंगा प्रसाद साह के अनुसार नैनीताल में बनने वाली मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाएं ईको फ्रैंडली होती हैं। चूंकि इन प्रतिमाओं का विर्सजन नैनी झील में किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण व धार्मिक मान्यताओं के चलते प्रतिमाओं को ईको फ्रैंडली बनाने का प्रचलन है। इन प्रतिमाओं को बनाने के लिए केले के पेड़ों के तने, बांस के सींकों के साथ ही कपड़ा, रूई व जूट का इस्तेमाल किया जाता है। श्रंृगार सामग्री व रंग प्राकृतिक होते है। प्रतिमाओं में उपयोग आने वाली हर वस्तु पानी में घुलनशील होती है। साह बताते हैं कि नैनीताल में बनने वाली मां के मुखौटों का आकार भी पर्वतों की तरह रखा जाता है। प्रतिमाओं को तैयार करना बेहद कठिन कार्य है। इस कला से नई पीढ़ी को परीचित कराने के लिए राम सेवक सभा ने कार्यशाला शुरू भी की है।
24 कैरेट शुद्ध सोने के गहने पहनेगी मां नंदा सुनंदा
नैनीताल। इस साल दो सितम्बर को देर रात्रि केले के खामों से नंदा सुनंदा की प्रतिमा ओं का निर्माण शुरू किया जायेगा। इन प्रतिमाओं को दुल्हन की तरह सजाया जायेगा। परम्परा अनुसार इन प्रतिमाओं को ससुराल विदा करने से पूर्व उन्हें सोने के जेवरों से भी सजाया जाता है। नैनीताल में मां नंदा सुनंदा को 24 कैरेट शुद्ध सोने के जेवर पहनाने की परम्परा है। लगभग 10 से 12 तोले सोने से बने नथ, मांग टीका, मंगलसूत्र व कुंडल आदि मां को पहनाये जाते है। जिनमें चांदी के मुकुट व छत्र भी शामिल है। आगामी सात सितम्बर को इन प्रतिमाओं की शोभा यात्रा निकाली जायेगी। नगर भ्रमण के बाद प्रतिमा विर्सजन से पहले आभूषण निकाल लिए जायेंगे। इसके बाद प्रतिमाओं का नैनी झील में विर्सजन कर दिया जायेगा।