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उत्तराखण्ड

मेरा डांडी कांठी का मुलुक जैलू, बसंत ऋतु मां जैई…

बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा.आराधना के दिन के रूप में भी मनाया जाता बसंत
लोकेंद्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी।
आज बसंत पंचमी है। किसानों के लिए भी यह ऋतु बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।  किसानो के सरसों के खेत वसंत ऋतु में फूलों से खिले हुए होते हैं। हमारे उत्तरकाशी के अठाली गांव के विशाल खेतों में आजकल सरसों के पीले फूलों से महक रहा है। सरसों के पीले पीले सुन्दर फूल इस ऋतु को और भी मनमोहक बना देते हैं। किसान की कई फसलें जैसे मक्का, धनिया, मसूर आदि इस ऋतु में तैयार हो जाती हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी या पांचवी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी आज 14 फरवरी बुधवार को मनाई जा रही है। बसंत की शुरुआत इस दिन से होती है। इसको बुद्धि ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा.आराधना के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। वसंत ऋतु वर्ष की एक ऐसी ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। बसंत पंचमी या श्रीपंचमी हिन्दू त्यौहार है।  यह पूजा पूर्वी भारत पश्चिमोत्तर बांग्लादेश नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। लोग इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। वसंत भारतीय वसंत को दर्शाता है, जो भारतीय समाज में एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार हैए जिसे वसंत के पहले दिन, हिंदू महीने के पांचवें दिन पंचमी  मनाया जाता है। वसंत ऋतु खुशी, उत्सव और नई शुरुआत का मौसम है। यह एक ऐसा मौसम है जो नए सिरे से शुरुआत करने का प्रतीक है। वसंत हमें और हमारे आस.पास के वातावरण को फिर से जागृत करता है। रंग.बिरंगे फूल, उत्सव और प्रकृति में प्रचुर विकास जीवन के चक्र का प्रतीक हैं। वसंत ऋतु में प्रकृति का एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। इस मौसम में प्रकृति बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में देखने को मिलती है। ऐसा लगता है जैसे चारो तरफ प्रकृति में ख़ुशी का माहौल है। वसंत ऋतु में प्रकृति को देखने में बहुत आनंद मिलता है क्यूँकि इस समय प्रकृति अपनी छटा बिखेरते हुए होती है। पेड़ पौधे नए पत्ते व फूलों से सजने लगते है। आम के पेड़ों पर इसी मौसम में बौर आता है जो आम का एक तरह का फूल ही होता है। इससे आम के पेड़ पूरी तरह लगे होते हैं और देखने में यह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगते हैं। आम के पेड़ों पर जब बौर आता है तो इन पेड़ो की कुछ पत्तियां भी नई आने लगती है जो इसकी सुन्दरता को और बढ़ा देती है । इसके साथ साथ इस आम के बौर में से मीठी मीठी सुगंध भी आती है जो प्रकृति में और चार चाँद लगा देती है। वसंत ऋतु का अन्य ऋतुओं के अलावा हमारे जीवन में एक अलग ही योगदान है। इस ऋतु में जहां हमें अधिक सर्दी से छुटकारा मिलता है तो वहीं इस ऋतु में अधिक गर्मी का भी सामना नहीं करना पड़ता है। मौसम इतना शानदार होता है जैसे मानो दिल करता है कि यह मौसम कुछ दिन और रहे। लेकिन प्रकृति का यह नियम है के मौसम हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। वसंत पंचमी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती हैं। और फिर होली का रंग बिरंगा त्योहार भी इसी ऋतु में आता है। जिस तरह पेड़ पौधे अपने आप को रंग बिरंगे फूलों से सजा लेते हैं उसी तरह लोग भी इसी ऋतु में होली के शुभ अवसर पर अपने आप को रंग लेते हैं। वसंत ऋतु का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है । क्योंकि प्रकृति वसंत ऋतु में एक अलग ही अंदाज़ में दिखाई देती है।  इन दिनों में हवाएं एकदम मस्त होते हुए चलती हैं। बागों में कोयल अपनी मधुर वाणी में कू कू करती है। इस सुहावने मौसम में कोयल की बोली कानो में मधुर रस घोलती है। बागो में पेड़ों पर नई नई पत्तियाँ आई हुई होती हैं जो देखने में बहुत अच्छी लगती हैं। वसंत ऋतु में इसलिए बागों में जाना वहाँ की सैर करना बहुत अच्छा लगता है। वसंत ऋतु में घर से बाहर निकलना घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होते है। और मन को शांति भी मिलती है। लेकिन इस मौसम में कुछ स्वास्थ्य से सम्बंधित नुकसान भी होते हैं। जैसे कि इस ऋतु में सर्दी खत्म होने को होती है और गर्मी का मौसम आने के लिए तैयार होता है। तो इस दौरान बदलते मौसम के चलते हमारा स्वास्थ्य थोड़ा बिगड़ सकता है अगर इस पर ध्यान नही दिया जाये। हर बदलते मौसम में हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। वसंत ऋतु सभी ऋतुओं से बेहतर ऋतु मानी जाती है। क्यूंकि इस ऋतु में मौसम बहुत अच्छा होता है। वसंत ऋतु में अधिक गर्मी भी नहीं होती है और अधिक सर्दी भी नहीं होती है। मौसम सामान्य रहता है इसलिए वसंत ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है। यह मौसम शिशिर ऋतु  के बाद आता है और मार्च से अप्रैल तक रहता है। इसके बाद शुरू होता है गर्मी का मौसम।

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