उत्तराखण्ड
सदन के भीतर बिना सेनापति की सेना की तरह बैठे कांग्रेस के विधायक
सदन के भीतर बिना सेनापति की सेना की तरह बैठे कांग्रेस के विधायक
चुनाव में लड़ते रहे कांग्रेस के नेता अब भी तय नहीं कर पा रहे नेता प्रतिपक्ष
सीएन, देहरादून। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान सीएम का चेहरे तय करने के मुद्दे पर लड़ते रहे कांग्रेस के नेता अब अपना नेता प्रतिपक्ष भी तय नहीं कर पा रहे। विधानसत्रा सत्र में कांग्रेस के विधायक सदन के भीतर बिना सेनापति की सेना की तरह बैठे रहे। बीते रोज नेता प्रतिपक्ष के चयन का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को दे चुके विधायक दिन भर दिल्ली से नियुक्ति पत्र आने का इंतजार करते ही रह गए। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में इस वक्त नेता प्रतिपक्ष पद के लिए निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह तो स्वभाविक दावेदार हैं ही। हाल में भाजपा छोड़कर दोबारा कांग्रेस में लौटे पूर्व काबीना मंत्री यशपाल आर्य, धारचूला विधायक हरीश धामी, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी, मनोज तिवारी का नाम भी चर्चा में है। बीते रोज भगवानपुर विधायक ममता राकेश भी महिला होने के नाते दावा कर चुकी है। एक पद के लिए इतने ज्यादा नाम होने की वजह से हाईकमान भी कुछ टेंशन में है। हालांकि अब तक प्रीतम को ही सबसे आगे माना जा रहा है, लेकिन हाईकमान ज्यादा जल्दबाजी करने की मूड में नहीं है। मालूम हो कि बीते रोज दून आए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को सभी विधायकों से सामुहिक रूप से हस्ताक्षर करते हुए चयन का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दिया है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के कक्ष में नेता प्रतिपक्ष की खाली कुर्सी को लेकर सभी असहज थे। विधायक हरीश धामी, आदेश चौहान समेत कई विधायक प्रीतम सिंह को कहा कि वो नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठें। विधायकों का कहना था कि बनना तो आपको ही है, तो फिर किस बात की औपचारिकता? धामी ने चुटकी ली कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मुझ छोटे भाई ने दावेदारी कर दी है तो आप नाराज हो? इस पर प्रीतम अपने चिरपरिचित अंदाज में बात को मुस्कुरा कर टाल गए। कहा कि, वो मर्यादा से बंधे व्यक्ति हैं। हाईकमान जिसे भी तय करेगा, वो पार्टी के सिपाही की तरह उसके पीछे खड़े हो जाएंगे।