उत्तराखण्ड
ट्रेड यूनियनों व संगठनों का संयुक्त प्रदर्शन, लङाई जारी रखने का संकल्प
ट्रेड यूनियनों व संगठनों का संयुक्त प्रदर्शन, लङाई जारी रखने का संकल्प
हल्द्वानी/नैनीताल। देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन भी यूनियनों का संयुक्त समन्वय, हल्द्वानी के बैनर तले हल्द्वानी और नैनीताल की सभी यूनियनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और फेडरेशनों द्वारा आहूत अखिल भारतीय आम हड़ताल में भागीदारी करते हुए बुद्धपार्क में संयुक्त प्रदर्शन व सभा का आयोजन किया। बुद्ध पार्क में ट्रेड यूनियनों की संयुक्त कार्यक्रम में यूनियनों के संयुक्त समन्वय, हल्द्वानी ने भारत के मजदूर वर्ग को, 28-29 मार्च को दो दिवसीय आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि, “इस हड़ताल को देश के मजदूर वर्ग ने केन्द्र में सत्तारूढ़ मोदीनीत भाजपा सरकार, और कई भाजपा और ग़ैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों की धमकियों और डराने के बावजूद सफल करके दिखाया है. देश के मजदूर वर्ग ने कॅारपोरेट द्वारा विभिन्न सरकारों की सहायता से हड़ताल तोड़ने की चुनौती को स्वीकार किया है. केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के मंच के आवाह्न पर, विभिन्न क्षेत्रों के करोड़ों संगठित और असंगठित मजदूरों और कर्मचारियों ने पूरे देश में इस हड़ताल में हिस्सेदारी की. मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी, जन-विरोधी, और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा सड़कों पर रास्ता रोको, रेल रोको, धरना, रैली, प्रदर्शनों और पुतले जलाने के रूप में सामने आया. पूरे देश में हजारों-हजार मजदूरों को गिरफ्तार किया गया.” हम इस हड़ताल की इंकलाबी कार्यवाही में शामिल मजदूरों को क्रांतिकारी सलाम पेश करते हैं. वक्ताओं ने कहा कि, “समाज के कई अन्य हिस्सों जिनमें किसानों के अलावा छात्र, युवा, महिलाएं शामिल थीं, ने पूरी शिद्दत के साथ हड़ताल में हिस्सेदारी की. पूरे देश में लाल-हरे झंडे लहरा रहे थे. संसद के दोनो सदनों में भी हड़ताल की विषय-वस्तु गुंजायमान रही, साथ ही इस पर चर्चा और संसद स्थगन की भी मांग उठाई गई. नियन प्रतिनिधियों ने कहा कि, “कई काॅरपोरेट कंपनियों द्वारा, जिन्हें मोदी सरकार का समर्थन हासिल है, और कई राज्य सरकारों द्वारा, हड़ताल तोड़ने के लिए धमकाने और डराने की कार्यवाही की कड़ी निंदा करते है. हम मजदूर वर्ग का आवाह्न करते हैं कि इस दो दिवसीय हड़ताल की भावना को आत्मसात करते हुए पूरी शिद्दत के साथ श्रम कोडों व निजीकरण के खिलाफ चल रहे देशव्यापी संघर्ष को सफल बनाएं.” इस अवसर पर संकल्प लिया गया कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल में उठाये गए देश की संपत्ति के निजीकरण के खिलाफ, नए श्रम कोडों के खिलाफ, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ, आशा समेत सभी स्कीम वर्कर्स को नियमित करने, समान काम का समान वेतन, पुरानी पेंशन बहाल करने, साम्प्रदायिक विभाजन को खत्म करने जैसे मुद्दों पर लड़ाई जारी रहेगी। दूसरे दिन की हड़ताल के प्रदर्शन में ऐक्टू, बीमा कर्मचारी संघ, ए आई बी ओ ए, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, यूनियन बैंक ऑफिसर्स स्टाफ एसोसिएशन, सनसेरा श्रमिक संगठन, भाकपा (माले), आइसा, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन, सीटू, पंजाब बेवल गियर्स वर्कर्स यूनियन, बीएसएनएल कैजुअल एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन, इंटार्क मजदूर यूनियन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, प्रगतिशील भोजनमाता यूनियन, उत्तराखंड निर्माण मजदूर यूनियन, अखिल भारतीय किसान महासभा आदि संगठनों के लोग शामिल रहे।