उत्तराखण्ड
केदारनाथ में रिकॉर्डतोड़ भीड़, क्षमता 10000, डेली लिमिट 12,000, पहुंचे तीन गुना श्रद्धालु
धाम और आसपास के क्षेत्रों में अफरातफरी, रहने की जगह व खाने की पेश आ रही मुश्किलें
सीएन, रुद्रप्रयाग। 6 मई की सुबह केदारनाथ के कपाट खुले, तो श्रद्धालुओं का अपार हुजूम दिखाई दिया. चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों में दर्शनार्थियों के लिए लिमिट तय की थी, लेकिन केदारनाथ में ऐसा कोई नियम लागू होता नहीं दिखा. शुक्रवार को कपाट खुलने से पहले ही गुरुवार रात तक धाम में तय लिमिट 12,000 यात्री से करीब दोगुने पहुंच चुके थे. इतनी भीड़ का नतीजा यह है कि धाम और आसपास के क्षेत्रों में अफरातफरी मची हुई है और रहने की जगह व खाने की मुश्किलें पेश आ रही हैं. उत्तराखंड सरकार ने 29 अप्रैल को हर धाम के लिए डेली लिमिट तय की थी, लेकिन 3 मई को चार धाम यात्रा की शुरुआत के मौके पर गंगोत्री में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से कहा था, ‘ऐसी कोई लिमिट तय नहीं की गई, श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए आगे इस पर कोई फैसला होगा.’ मुख्यमंत्री के इस बयान का असर कहा जाए तो नज़ारा यह दिखा कि शुक्रवार सुबह कम से कम 35,000 लोग धाम में नज़र आए. ज़ाहिर है कि यह संख्या आज शाम तक और बढ़ेगी. केदारनाथ धाम में 8000 लोगों के रुकने की ही व्यवस्था है और इसके अलावा, अस्थायी टेंट भी लगाए गए हैं. इसके बावजूद भीड़ का आलम यह है कि गौरीकुंड से गुरुवार को हज़ारों की तादाद में श्रद्धालु केदार धाम की तरफ बढ़े. खबरों की मानें तो इन्हें रास्ते में रोके जाने की नौबत तक आई, लेकिन गुरुवार रात तक ही करीब 20,000 लोग धाम पहुंच चुके थे. हाल यह है कि केदारनाथ धाम और उसके आसपास होटलों व धर्मशालाओं आदि सभी स्थानों को मिलाकर बमुश्किल 10,000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. ऐसे में यहां कमरों का किराया 10 से 12 हज़ार रुपये प्रतिदिन पहुंच गया है. वहीं, टेंट की अस्थायी व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है. रहने के साथ ही हज़ारों लोगों के लिए भोजन जुटा पाना भी बड़ी चुनौती बन गया है. बाबा केदारनाथ धाम मे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर बद्री-केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने न्यूज़18 से बातचीत के दौरान बताया कि व्यवस्थाओं में जो भी कमी है, उसको अधिकारियों के साथ मिलकर दूर किया जाएगा. इस दौरान ताज़ा अपडेट यह है कि आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने भी धाम पहुंचकर बाबा के दर्शन किए.