उत्तराखण्ड
गुलदार के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने दौलाघट में पालतू पशुओं के साथ जाम लगाया
सीएन, अल्मोड़ा। हवालबाग विकासखंड के दौलाघट क्षेत्र में गुलदार का आतंक छाया है।आए दिन गुलदार ग्रामीणों के पालतू पशुओं को निशाना बना रहा है। गुलदार के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने दौलाघट रिखे पायखाम मोटर मार्ग पर पालतू पशुओं के साथ जाम लगाया।ग्रामीणों ने गुलदार को पकड़ने की मांग की है।जबकि कार्यवाही नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।गुलदार के आतंक से दहशत के साये में जी रहे दौलाघट के सिलानी,केस्ता और रिखे गांव के ग्रामीण आज सड़क पर उतर आये।यहां महिलाओं, पशुपालकों और ग्रामीणों ने अपने पालतू पशुओं के साथ दौलाघट रिखे पायखाम मोटर मार्ग पर जाम लगाया। पूर्व यूसीडीएफ प्रतिनिधि ललित मोहन तिवारी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व डायरेक्टर दुग्ध संघ अल्मोड़ा महेन्द्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में आक्रोशित ग्रामीणों ने पालतू पशुओं और तख्ती बैनर को हाथ में पकड़ कर वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने गुलदार को जल्द पकड़ने अथवा मारने की मांग की।जबकि कार्यवाही नहीं होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है।पूर्व यूसीडीएफ प्रतिनिधि ललित मोहन तिवारी ने कहा कि सिलानी,केस्ता और रिखे सहित दौलाघट के दर्जनों गांवों में में गुलदार घर के आंगन से पालतू पशुओं को अपना निशाना बना रहा है।जबकि ग्रामीणों और पशुपालकों को भी जान का खतरा बना हुआ है।वहीं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व डायरेक्टर दुग्ध संघ अल्मोड़ा महेन्द्र सिंह बिष्ट का कहना है कि बीते एक माह में सिलानी,केस्ता और रिखे गांवों में गुलदार में 3 गाय और 12 बकरियों को निवाला बना दिया है।पूर्व में वन विभाग ने पिंजरा तो लगाया।वन विभाग गुलदार तो नहीं पकड़ पाया नाकाम विभाग ने कुछ दिनों बाद पिंजरा हटा दिया।वन विभाग को चेताते हुए स्थानीय दुग्ध उत्पादकों और ग्रामीणों ने दौलाघट क्षेत्र के दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों के साथ एकजुट होकर डीएफओ घेराव, चक्का जाम सहित उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है।प्रदर्शनकारियों में उपाध्यक्ष दुग्ध संघ अल्मोड़ा नीमा देवी,ग्राम प्रधान ममता बिष्ट,चम्पा देवी,हेमा,रमा देवी,दीपादेवी,ममता,मंजू,अनीता,रमा,हेमा,ज्योति,खगोति देवी,जानकी,हीरा देवी,कृपाल सिंह बिष्ट,बचे सिंह,गोविन्द सिंह,पान सिंह, भगवान सिंह,बालम सिंह,षिवराम, मोहन राम,ग्रीष बिष्ट,हर सिंह,शंकर सिंह,गोविन्द बिष्ट सहित ग्रामीण लोग मौजूद रहे।