उत्तराखण्ड
महिलाओं ने मंदिर में वट के पौधे की पूजा अर्चना की
सीएन, नैनीताल। वट सावित्री के मौके पर नगर के विभिन्न मंदिरों में महिलाओं की काफी भीड़ भाड़ जुटी रही इस मौके पर सुहागिन महिलाओं ने मंदिर में वट के पौधे की पूजा अर्चना की l बता दें कि जहां महिलाओं के अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कहानी से जुड़ा है, वही इसमें पर्यावरण को सतत विकास के क्रम में संरक्षण का संदेश भी देता है। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष का पूजन कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। महिलाएं वट वृक्ष को जल अर्पित करती हैं। साथ ही हल्दी लगे कच्चे सूत से लपेटते हुए वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। अध्यात्म में कहा गया है कि वटवृक्ष की जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और पत्तों पर शिव का वास होता है। इसलिए परंपरानुसार वट वृक्ष की पूजा से कल्याण होता है।
समाज वट वृक्ष का आदर धार्मिक तथा पर्यावरण संरक्षित रखने के लिए करता है। वट वृक्ष आकार में बेहद विशाल तथा ये पेड़ पूरे साल राहगीरों को छाया प्रदान करने में सक्षम होते हैं। इसीलिए सड़कों के किनारे पीपल और बरगद जैसे पेड़ लगाए गए थे। धार्मिक मान्यता वाले इस वृक्ष की औसत उम्र ५०० से १००० साल मानी जाती है। यह पेड़ छाया, तथा पक्षियों और जंतुओं को आश्रय प्रदान करता है। वट वृक्ष के आसपास प्रदूषण का स्तर स्वत: कम हो जाता है।