मौसम
कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक रात्रि से ही झमाझम बारिश, कई स्थानों में जल भराव से लोग परेशान
कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक रात्रि से ही झमाझम बारिश, कई स्थानों में जल भराव से लोग परेशान
सीएन, नैनीताल/देहरादून। कुमाऊं मंडल में बीती रात्रि से झमाझम बारिश हो रही है। कई स्थानों में भूस्खलन होने के समाचार है। नैनीताल में रात में ही 100 एमएम वर्षा रिकार्ड हुई है। गुरुवार की सुबह से ही रूक रूक कर वर्षा हो रही है। नैनीताल के पहाड़ी इलाकों में कई स्थानों में जल स्रोत भी खुल रहे हैं। इधर वर्षा के बाद नैनीताल के नाले भी उफन आये हैं। जिससे नैनी झील का जलस्तर भी बढने लगा है। झमाझम बारिश से नैनीताल सहित कई स्थानों में जल भराव के कारण लोगों को भारी परेयाानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने 27 से 29 जून और दो और तीन जुलाई को भारी बारिश की संभावना है। जिसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार चंपावत और नैनीताल जिले में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर और उधम सिंह नगर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग की मानें तो कुमाऊं के सभी जिलों में झोंकेदार हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी। मौसम विभाग का कहना है कि कहीं.कहीं भारी से बहुत भारी बारिश बागेश्वर जनपद में 28 और 29 जून को संभावित मौसम पूर्वानुमान में बताई जा रही है। जबकि नैनीताल जिले में 26 जून को कहीं.कहीं गरज के साथ आकाशीय बिजली गिरने 27 जून को भारी बरसात, 28 जून को भी वर्षा के तेज से अति तेज दौर होने और हीं.कहीं झोंके दार हवाएं तथा 29 जून को एक बार फिर कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बरसात तथा गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा वर्षा के तीव्र दौर होने की संभावना है। साथ ही उधम सिंह नगर में भी वर्षा के तेज दौर को लेकर 29 जून तक मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करी है। मौसम विभाग का कहना है कि चंपावत में भी कहीं गरजन के साथ आकाशीय बिजली तथा वर्षा के तेज दौर 29 जून तक देखे जा रहे हैं। वहीं अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में भी यही स्थिति बनती हुई दिख रही है। मौसम विभाग का कहना है कि 29 जून तक झोंकेदार हवाएं चलने से तथा गर्जन के साथ आकाशीय बिजली और वर्षा के तेज दौर, भारी से बहुत भारी बरसात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिससे कहीं-कहीं बिजली गिरने से जान माल की हानि हो सकती है भूस्खलन और चट्टान गिरने से राजमार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं। झोंकेदार हवाओं से मकान को नुकसान हो सकता है तथा निचले स्तर पर नदी नाले उफान पर आ सकते हैं इसको लेकर बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत मौसम विभाग ने जताई है। मौसम वैज्ञानिकों ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में मलबा और पत्थरों के गिरने की आशंका जताई है। जिसके चलते भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है। इसके अलावा बारिश के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में आवाजाही करने वाले लोगों को सतर्कता बरतने की अपील की है। इस दौरान 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।