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एक और नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा सक्रीय, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भारी वर्षा की संभावना

एक और नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा सक्रीय, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भारी वर्षा की संभावना
सीएन, देहरादून/नईदिल्ली।
देश के कई राज्यों में इन दिनों मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। इधर दिल्ली-एनसीआर में भी शनिवार को हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। दिल्ली-एनसीआ व उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत देशभर के कई राज्यों में शनिवार को बारिश हो रही है। मौसम विभाग की मानें तो एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रीय हो रहा है। उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भारी वर्षा की संभावना जताई जा रही है। उत्तराखंड, हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में लगातार मौसम परिवर्तनशील बना हुआ है। उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं। एक पश्चिमी विक्षोभ आगे निकलता है तो उसके पीछे नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इस कारण से हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली में पिछले 15 दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस दौरान तेज गति से हवाएं, हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है, जिससे तापमान सामान्य से नीचे बने हुए हैं। एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से पड़ रही उमस भरी गर्मी के बीच शनिवार सुबह तेज हवाओं के बारिश हुई। वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत पहाड़ी राज्यों में बारिश से बुरा हाल है। हिमाचल में तेज बारिश और भूस्खलन के बाद लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। इधर जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भी बारिश का रेड अलर्ट जारी है। यूपी और बिहार के कई जिलों में भी मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है।शनिवार सुबह अचानक आई बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। मौसम विभाग का कहना है कि आज दिन में भी बारिश के आसार हैं। वहीं रविवार से मंगलवार तक दिल्ली-एनसीआर के आसमान में बादल छाए रहेंगे। हल्की बारिश भी हो सकती है। हालांकि इस दौरान गर्मी फिर से लोगों का पसीना छुड़ाएगी। बुधवार से दिल्ली में आसमान में धूप खिलेगी और तापमान भी बढ़ना शुरू होगा। उत्तराखंड के ज्यादातर जिलों में इन दिनों बारिश से बुरा हाल है। देहरादून से लेकर चमोली और नैनीताल तक नदी-नाले उफान पर हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। चमोली जिले के ब्रह्मताल सुपताल और भेकल ताल क्षेत्र में बादल फटने से विकराल रूप में बह रही प्राणमति नदी में बड़े-बड़े बोल्डर और सैकड़ों पेड़ तिनके की तरह बहने लगे। इधर उत्तरकाशी और ऋषिकेश में दो लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड के कई जिलों में आज से और कल बारिश के आसार हैं। वहीं सोमवार से अगले दो-तीन दिनों तक राज्य के लगभग हर जिले में भारी बारिश हो सकती है।
क्या होता है जब पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की ओर बढ़ता है?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की न्यूमेरिकल स्टडी ऑफ़ वेस्टर्न डिस्टर्बन्स ओवर वेस्टर्न हिमालयाज यूजिंग मेसोस्केल मॉडल के अनुसार जब पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की ओर आता है तो इनकी नमी बारिश और बर्फ के रूप में बदल जाती है। कभी-कभी वे उत्तरी पहाड़ी राज्यों जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों की ओर बढ़ते हैं, जबकि अन्य समय में वे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए दक्षिण की ओर बढ़ते हैं। पश्चिमी विक्षोभ मौसम के हिसाब से हमेशा नुकसानदेह नहीं होते हैं। पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के निचले क्षेत्रों में कम से बहुत अधिक बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात ला सकता है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आकाश में बादल छा जाते हैं और रात का तापमान बढ़ जाता है, असमय वर्षा होती है। इस वर्षा का खेती के लिए, खासकर रबी की फसलों के लिए बड़ा फायदा होता है। कभी-कभी पश्चिमी विक्षोभ के कारण बाढ़, फ्लैश फ्लड, भूस्खलन, धूल भरी आंधी, ओलावृष्टि और ठंडी लहरों से लोगों को नुकसान पहुंचाता हे। यदि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश अधिक होती है तो इससे फसल नष्ट हो सकती है, हिमस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से बुनियादी ढांचे नष्ट होने और आजीविका को प्रभावित करने जैसे चरम मौसम की घटनाएं हो सकती हैं।

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