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श्रीनगर में 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर का मुस्लिम कारीगर कर रहे जीर्णोद्धार

श्रीनगर में 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर का मुस्लिम कारीगर कर रहे जीर्णोद्धार
सीएन, श्रीनगर। श्रीन
गर के 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर के जीर्णोद्धार का काम जल्द ही पूरा होने जा रहा है जिसे पिछले साल जून में शुरू किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर के जीर्णोद्धार की परियोजना की लागत करीब 1.62 करोड़ रुपये है और यह काम अगले महीने पूरा होने की उम्मीद है। श्रीनगर के उपायुक्त मोहम्मद एजाज असद ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ यह मंदिर करीब 700 साल पुराना है। इसके महत्व के बारे में सभी जानते हैं। सितंबर 2014 में आई बाढ़ के कारण मंदिर की दीवारों में कुछ दरारें आ गई थीं। इसलिए हमने वास्तुकला और विरासत के पुनरुद्धार, बचाव, संरक्षण और मरम्मत कार्य के लिए एक योजना बनाई और पिछले साल इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू किया। मोहम्मद एजाज असद ने कहा कि जीर्णोद्धार का काम शुरू होने से पहले मंदिर की संरचना के मूल स्वरूप को संरक्षित करने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति से परामर्श किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ मंदिर में दो वृक्ष हैं जिन्हें पवित्र माना जाता है और जीर्णोद्धार कार्य के दौरान हमने उन्हें छुआ नहीं है। पुनर्निर्माण के लिए सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया बल्कि उसी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है जिससे इसे बनाया गया था। ’’असद ने कहा कि इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। श्रीनगर के उपायुक्त ने कहा, ‘‘ लोग आज भी यहां आते हैं और हमें बताते हैं कि वे मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं। हमें यकीन है कि देश भर से बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे। कश्मीर शैव और सूफीवाद के लिए जाना जाता है। इन परंपराओं का एक संदेश है। मुझे लगता है कि यह मंदिर उस संदेश की आधारशिला है। जम्मू-कश्मीर सरकार की पहल पर इन दिनों मंगलेश्वर भैरव मंदिर के पुनर्निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। निर्माण के दौरान ऐसी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है जिससे इसका पुरातत्व महत्व एक बार फिर उभर कर आ सके। हम आपको यह भी बता दें कि श्रीनगर स्मार्ट सिटी अभियान के तहत कश्मीर के प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण का काम किया जा रहा है। इन धार्मिक स्थलों में दरगाह, मस्जिद, खानकाह और प्राचीन मंदिर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कश्मीर में अब तक करीब 15 ऐतिहासिक मंदिरों का कायाकल्प किया गया है।

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