संस्कृति
बदलते डिजिटल के दौर ने उत्तराखंड के संगीत जगत को एक बड़ी पहचान दिलाई
सीएन, नैनीताल। एक दौर था जब उत्तराखंड के संगीत को काफी कम सुना जाता था, लेकिन बदलते डिजिटल के दौर ने उत्तराखंड के संगीत जगत को एक बड़ी पहचान दिलाई है। ऐसे में कुछ ही लोकगायक ऐसे है, जो लगातार पहाड़ की संस्कृति, परम्पराए, राीति.रिवाजों को अपने गीतों के माध्यम से नई पीढ़ी तक पहुंचाने का काम कर रहे है। उन्हीं में से एक सुपरस्टार लोकगायक है महेश कुमार। हम बात कर रहे है उस युवा लोकगायक की जिन्होंने अपने गीतों से उत्तराखंड को एक अलग ही पहचान दी है। लंबे संघर्ष के बाद लोकगायक महेश कुमार ने उत्तराखंड के संगीत जगत में अपनी धाक जमाई है। अब वह मसाण.2 वीडियो गीत लेकर आ रहे है। जो दर्शकों को खूब पसंद आयेगा। इस गीत में उन्होंने बढ़ती महंगाई के दौर में पहाड़ों में जागर लगानी भी महंगी हो चुकी है। बजट लगातार बढ़ गया। ऐसे में बीबी कभी कमर दर्द तो कभी सर दर्द कहती है और उसका पति लगातार उसे ठीक करने में जुटा रहता है, बीमारी ठीक करने के लिए देवता से लेकर डॉक्टरों के यहां जाने का जो सिलसिला पहाड़ों में लंबे समय से चला आ रहा है, महेश कुमार ने उसका सजीव चित्रण अपने गीत मसाण.2 के माध्यम से किया है। इससे पहले मसाण.1 को लोगों ने खूब पसंद किया। लोकगायक महेश कुमार ने बताया कि यह गीत उनके चैनल महेश कुमार एलआरएस से 24 फरवरी को रिलीज होगा। इससे पहले उनके कई गीतों को दर्शकों ने खूब प्यार दिया। जिसमें कोसी गाड़ा धाना, लौंडा रे सोबना, नानू बाज्यू अमल बीडी़ कौ मसाण पार्ट.1 समेत कई सुपरहिट गीत दिये है। अब उनका गीत मसाण.2 आ रहा है। इस गीत को महेश कुमार ने ही लिखा है जबकि एक्टििंग जीवन दा लच्छू पहाड़ी शिवांक्षा चन्द्र ने की है,जो लोगों को खूब पसंद आयेगी। जबकि म्यूजिक डीजे 8 वायरस ने दिया है। यह एक वीडियो गीत है।