धर्मक्षेत्र
यमुनोत्री में श्रद्धुलुओं द्वारा भारी मात्रा में वस्त्र भेंट किए जाना गलत परम्परा : संत स्वामी
सीएन, उत्तरकाशी। इन दिनों गुजरात के स्वामी नारायण 6 गुरुकुल राजकोट से संत स्वामी के नेतृत्व में 60 साधु संतो का समूह उत्तराखंड के चारधाम की यात्रा पर हैं। संत स्वामी का कहना है कि यमुनोत्री में श्रद्धुलुओं द्वारा भारी मात्रा में वस्त्र भेंट किए जा रहे हैं जो कि एक गलत परम्परा है। सनातन धर्म में नदियों में वस्त्र बहाने की कोई व्यवस्था नहीं है। साधुओं के समूह में आए स्वामी वेदांत स्वरूप का कहना है कि देश की तमाम नदियां खासकर मां गंगा जी और मां यमुना जी भगवान की कृतियां हैं, भगवान की विभूति हैं, इन मां समान नदियों को गंदा करने का अर्थ है कि हम भगवान को मैला कर रहे हैं।सनातन धर्म के सभी भक्तजनों को किसी भी धाम की यात्रा में जाने पर नदियों को किसी भी तरह का वस्त्र , प्लास्टिक की बनी चीजें और श्रृंगार भेंट नहीं करना चाहिए। गंगा विचार मंच के प्रान्त संयोजक लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने गुजरात से आए साधु संतों के इस समूह से भेंट करने के बाद बताया कि सभी संतो की एकराय है कि मां गंगा जी हों या मां यमुना जी या देश की किसी भी नदी में वस्त्र वा श्रृंगार का सामान जलधारा में नहीं भेंट करना चाहिए।
