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जन मुद्दे

ज्ञानवापी मस्जिद या मंदिर? 154 वर्ष पहले खींची दुर्लभ तस्वीरें खोलेंगी राज

हिंदू पक्ष के दावों को मजबूत करती ये तस्वीरें अमेरिका के म्यूजियम में हैं मौजूद
सीएन, नईदिल्ली।
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद कई सारे वीडियो अब तक सामने आ चुके हैं. मस्जिद में शिवलिंग मिलने वाले कथित वीडियो के सामने आने के बाद तो इस मुद्दे पर हंगामा काफी बढ़ गया था. दावे किए जाने लगे थे, कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर है. इस बीच ज़ी मीडिया के हाथ एक तस्वीर लगी है, जिसे देख कर हर कोई हैरान रह गया. ज़ी मीडिया के हाथ लगी ज्ञानवापी परिसर की 154 वर्ष पुरानी दुर्लभ तस्वीर साल 1868 में ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल बॉर्न ने ली थी. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की तस्वीर में ज्ञानवापी परिसर में नन्दी और भगवान हनुमान की मूर्ति, परिसर में मौजूद खम्बों पर हिन्दू शिल्पकृति और घण्टा लगा हुआ दिखाई दे रहा है. तस्वीर हिन्दू पक्ष के ज्ञानवापी परिसर में हिन्दू प्रतीक चिन्हों और देवी-देवताओं की मूर्ति होने के दावों को पुख्ता करती है. अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित ‘द म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स’ में संरक्षित है यह वर्ष 1868 में तस्वीर खींची गई. ब्रिटिश फोटोग्राफर सैम्युअल बॉर्न ने 7 साल वर्ष 1863 से 1870 तक भारत में काम किया था. हिन्दू पक्ष भी ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग के अलावा नन्दी, भगवान हनुमान की मूर्ति और हिन्दू शिल्पकृति होने का दावा कर रहा है. ऐसे में हिन्दू पक्ष के दावों पर 154 वर्ष पुरानी यह दुर्लभ तस्वीर मुहर लगाती है. हिन्दू धर्म में भगवान हनुमान को भगवान शिव का 11 वां रुद्रावतार माना जाता है और नन्दी को भगवान शिव का वाहन कहा जाता है. ज्ञानवापी मंदिर है या मस्जिद, ज्ञानवापी में शिवलिंग है या फव्वारा, इन सवालों को लेकर पूरे देश में बहस हो रही है. ये बहस जितनी धार्मिक है, उससे ज्यादा राजनीतिक.. सबके अपने दावे हैं, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. ज्ञानवापी पर काशी से लेकर दिल्ली तक विवाद जोरों पर है, लेकिन अंतिम फैसला कोर्ट का ही होगा, जो सभी को मानना होगा.

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