उत्तराखण्ड
रक्षा मंत्री ने किया सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान
सेना को युवाओं से युक्त बनाने के लिए अग्निवीर की नियुक्ति की जाएगी : राजनाथ सिंह
सीएन, नईदिल्ली। भारत सरकार ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना को युवाओं से युक्त बनाने के लिए ‘अग्निवीर’ की नियुक्ति की जाएगी। इन युवाओं को सेना में चार साल की नौकरी का मौका दिया जाएगा। रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने यह अग्निपथ योजना शुरू करने का फैसला किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना का ऐलान करते हुए कहा, अग्निवीरों के लिए एक अच्छे पैकेज, 4 साल की सेवा के बाद नौकरी छोड़ने पर सेवा निधि पैकेज और एक लिबरल डेथ ऐंड डिसऐबिलिटी पैकेज का भी ऐलान किया है। अग्निपथ योजना से रोजगार के मौके बढ़ेंगे। अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित स्किल और अनुभव का इस्तेमाल करके अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिल सकेगा।’केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में कई अहम सुधार किए हैं। सीडीएस के पद का सृजन किया गया। आधुनिकता पर जोर दिया गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ थलसेना, वायुसेना और जल सेना के चीफ भी मौजूद थे। भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भर्ती के लिए नई योजना की शुरुआत होने जा रही है। इसे टूर ऑफ ड्यूटी ‘अग्निपथ’ नाम दिया जा सकता है। इसके तहत चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती होगी, जिन्हें अग्निवीर कहा जाएगा। ये भर्तियां थलसेना, वायुसेना और नौसेना में अधिकारी रैंक से नीचे की होंगी। इसके तहत 21 साल तक के युवाओं को लिया जाएगा। कोरोना काल में पिछले दो साल से सेना में भर्ती की प्रक्रिया ठंडी पड़ी हुई है, जिसके मद्देनजर इस योजना को काफी अहम माना जा रहा है। इस योजना के तहत चार साल के लिए युवा सैनिकों को भारतीय सेना में काम करने के लिए लिया जाएगा। चार साल का कार्यकाल खत्म होने पर 25 फीसदी सैनिकों का फिर से मूल्यांकन होगा और उन्हें सेना में फिर से शामिल करने पर विचार किया जाएगा। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस योजना के लिए 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवाओं की भर्ती की जाएगी। भर्तियां आवेदकों की मौजूदा क्वालिफिकेशन के हिसाब से और टेस्ट के जरिए होगी। सैनिकों की भर्ती साल में दो बार छह-छह महीने के गैप पर की जाएगी। छह महीने तक उन्हें ट्रेनिंग मिलेगी, उसके बाद सेना में अलग-अलग काम के लिए उन्हें तैनात किया जाएगा। इसमें स्पेशलिस्ट काम भी शामिल होंगे। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस नई योजना के तहत अगस्त से दिसंबर के बीच भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस दौरान पहले फेज में करीब 45 हजार नौजवानों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत भर्ती हुए युवाओं को 30 हजार रुपये का शुरुआती वेतन देने का प्रस्ताव है, जो चौथे साल के अंत तक बढ़कर 40 हजार रुपये हो सकेगा। सेवा निधि योजना के तहत इस वेतन का 30 फीसदी हिस्सा सेविंग के रूप में रखने की योजना है। सरकार भी इतनी ही राशि का हर महीने योगदान देगी। चार साल पूरे होने पर इन सैनिकों को 10 लाख रुपये का पैकेज दिया जाएगा ये पैसा पूरी तरह टैक्स फ्री होगा। हालांकि ये सैनिक पेंशन के हकदार नहीं होंगे। जिन सैनिकों को 15 और साल के लिए रखा जाएगा, उन्हें ही रिटायरमेंट बैनिफिट्स मिल सकेंगे। चार साल की सेवा देने के बाद इन सैनिकों को आम जिंदगी में व्यवस्थित होने में भी सरकार मदद देगी। इन्हें सर्विस के लिए एक डिप्लोमा सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जिससे आगे नौकरी तलाशने में मदद मिलेगी। ये सर्टिफिकेट सर्विस के दौरान कौशल के आधार पर दिया जाएगा। बताया जाता है कि इस योजना का खाका 2020 में तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने तैयार किया था। इसका प्रमुख मकसद सैनिकों की कमी को पूरा करना, सेना के पेंशन खर्चों में कटौती और युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना रहा है। सेना में इस वक्त अधिकारी स्तर से नीचे के करीब सवा लाख सैनिकों की कमी महसूस की जा रही है। हर महीने 5 हजार के करीब सैनिक कम होते जा रहे हैं। सेना की आधिकारिक क्षमता 12 लाख सैनिकों की है। कोरोना महामारी शुरू होने से पहले सेना साल में करीब 100 भर्ती रैलियां आयोजित करती थी। हर छह से आठ जिलों के बीच ये रैलियां होती थीं। कोरोना शुरू होने से पहले 2019-20 में 80,572 सैनिकों की भर्तियां हुई थीं। जबकी 2018-19 में 53,431 सैनिक शामिल किए गए थे।
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने आज अग्निपथ की परिवर्तनकारी योजना को मंजूरी देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। यह उन्हें नई तकनीकों के लिए प्रशिक्षित करने और उनके स्वास्थ्य के स्तर में सुधार करने में मदद करेगा। इस योजना से विभिन्न क्षेत्रों में नए कौशल के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे : राजनाथ सिंह