धर्मक्षेत्र
खरमास शुरू : अब भूलकर भी ना करें शुभ काम, 14 जनवरी की रात को खत्म होगा
खरमास शुरू : अब भूलकर भी ना करें शुभ काम, 14 जनवरी की रात को खत्म होगा
सीएन, प्रयागराज। खरमास शुरू हो चुका है। खरमास को मलमास भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास का महीना तब शुरू होता है जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं। इस बार खरमास 15 दिसंबर 2024 की रात 9.56 बजे शुरू हो गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में दो बार खरमास लगता है। हिन्दू धर्म में खरमास के महीने को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही एक माह तक शुभ कामों पर रोक लग गई है। खरमास चौदह जनवरी को खत्म होगा। इतने दिनों तक कोई भी शुभ काम नहीं होंगे। हालांकि इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना करना शुभ माना जाता है। साल में दो बार खरमास पड़ता है। खरमास साल का वह समय होता है जिसमें कोई शुभ और मांगलिक काम करना वर्जित होता है। साल के शुरुआत का 15 दिन और साल के अंत का 15 दिन खरमास होता है। इस दौरान शुभ कार्यों पर पूरी तरह ब्रेक लग जाता है। 15 दिसंबर से शुरू हुआ खरमास अब 14 जनवरी की रात को खत्म होगा। 15 जनवरी से शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएगा। खरमास में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इस समय पूजा करने से शुभ फल नहीं मिलता। इस महीने सूर्य अधिकतर धनु राशि में रहते है, इसलिए इस माह को धनुमार्स भी कहा जाता है। धनु संक्रांति से खरमास या मलमास भी लग जाता है। धनु राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इस महीने भले शुभ कार्य वर्जित रहता है, लेकिन गुरु की उपासना के लिए अध्यात्मिक कार्य जैसे-हवन, यज्ञ, पूजा, पाठ किसी तीर्थ स्थल की यात्रा करना शुभ माना गया है। खरमास में शादी-विवाह, बेटी-बहु की विदाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्यों की भी मनाही होती है। नया वाहन, वस्त्र, प्लॉट आभूषण भी इस समय नहीं लेना चाहिए। कई लोग इस दौरान गाजर-मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, सोंठ, मूंग और आंवला का सेवन नहीं करते हैं। खरमास में भले ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों की मनाही होती है लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ करना शुभ माना गया है। इस माह भगवान विष्णु की खास विधि से पूजन करना चाहिए। खरमास में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने या पढ़ने से लाभ मिलता है। इसका शुभ प्रभाव परिवार पर पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति खराब दशा में है तो उसे खरमास में पूजा.पाठ जरूर करना चाहिए। इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है। खरमास में नियमित तौर पर भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा बनी रहती है।