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आज 3 दिसंबर को मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस : विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक समावेशन
आज 3 दिसंबर को मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस: विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक समावेशन
सीएन, नैनीताल। अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस अथवा अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है। वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा विकलांगजनों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में वर्ष 1981 को घोषित किया गया था। भारत में स्पेशल दिव्यांगों को स्वावलंबन बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2020 3 दिसंबर के उपरांत डिसेबिलिटी फाउंडेशन ने 10 दिव्यांगों को स्वावलंबन परमानेंट जॉब देकर किया आज फाउंडेशन भारी मात्रा मेंं दिव्यांगों स्वावलंबन बनाने पर कार्य कर रहा। विकलांगता ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक या संज्ञानात्मक कार्यक्षमता प्रभावित होती है। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं, शारीरिक गतिविधियों, सोचने-‘समझने की क्षमता, संचार या सामाजिक संबंधों में दिक्कत पैदा करती है। विकलांगता जन्मजात, दुर्घटना, बीमारी या अन्य किसी भी कारणों से विकसित हो सकती है। विकलांग लोगों को स्वस्थ रहने और समाज में शामिल रहने के लिए उचित स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच की आवश्यकता होती है। विकलांगता का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति स्वस्थ नहीं हो सकता। स्वस्थ रहने का मतलब है अच्छे निर्णय लेना और बीमारी को रोकना। इसका तात्पर्य यह जानना भी है कि विकलांगता से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज विकलांग लोगों के लिए किया जा सकता है। डिप्रेशन और कुछ बीमारियों का बढ़ा हुआ जोखिम द्वितीयक स्थितियां हैं। विकलांग लोगों को स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है जो स्वस्थ रहने के लिए न केवल एक विकलांग व्यक्ति के रूप में बल्कि एक संपूर्ण व्यक्ति के रूप में उनकी आवश्यकताओं को पूरा करता है। अधिकांश लोग, चाहे उनमें दुर्बलता हो या न हो यदि वे स्वस्थ जीवन शैली के बारे में सीखते हैं और अपनाते हैं तो वे अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं। विश्व विकलांगता दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1992 में की गई थी। जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 47-3 संकल्प पारित कर इसमें विकलांग व्यक्ति के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस आयोजित करने की पहल की गई जिसका मुख्य उद्देश्य विकलांगों के अधिकार, उन्हें समान अधिकार दिलाने, उनकी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक समावेशन हेतु प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है। इसे प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक थीम सुनिश्चित करना भी तय हुआ। इस वर्ष 2024 की थीम है विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक समावेशन सुनिश्चित किया गया है।
