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उत्तराखंड : दशहरा गंगा में हरिद्वार में आस्था की लहर, हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर लगा जाम

उत्तराखंड : दशहरा गंगा में हरिद्वार में आस्था की लहर, हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर लगा जाम
हरिद्वार/नैनीताल।
गंगा दशहरा पर्व पर गुरूवार को उत्तराखंड की पवित्र नदियों में डुबकी लगाने को भीड़ उमड़ पड़ी। गंगोत्री सहित तमाम मंदिरों में सुबह से ही लोगों का पूजा-अर्चना के लिए तांता लगा रहा। उधर धर्मनगरी हरिद्वार में आस्था का जनसैलाब स्नान के लिए उमड़ा। पवित्र गंगा में डुबकी के लिए जगह-जगह से ही घाटों पर भारी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। भीड़ के कारण हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर कई किलोमीटर तक जाम लग गया जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस वर्ष दशहरा गंगा पर हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग और व्यतिपात योग का दुर्लभ संयोग बना है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह संयोग कई दशकों बाद आया है, जिससे पर्व की महत्ता और बढ़ गई है। इस विशेष संयोग में गंगा स्नान, दान, तप और जप करने से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न मां गंगा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। तभी से यह दिन गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। गंगा दशहरा पर दुर्लभ योगों में पूजन, स्नान और व्रत से विशेष फल मिलता है। मां गंगा को कल्याणकारी शक्ति का स्वरूप माना गया है, जो जीवन के साथ ही मोक्ष भी प्रदान करती है। प्रशासन की ओर से गंगा घाटों पर सुरक्षा के अराजक दावे किए हैं। इसके अलावा गंगा नदी पर लोगों से अपील की गई कि दीपदान के दौरान शुद्ध घी का प्रयोग करने और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। धार्मिक मान्यता है कि गंगा दशहरा पर्व तन-मन की शुद्धि, दान और सेवा की भावना को समर्पित है। गंगा दशहरा प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है, आज ये पावन दिन आया है। आपको बता दें कि गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन देवी गंगा के पृथ्वी पर पहली बार अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। इसे दशहरा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन गंगा पूजन और गंगा स्नान करने से मनुष्य के दस प्रकार के पापों का नाश होता है।

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