Connect with us

राजनीति

नैनीताल पालिका परिषद अध्यक्ष पद में कांग्रेस की सरस्वती खेतवाल ने किया कब्जा, संजीव की भी लोकप्रियता बढ़ी

नैनीताल पालिका परिषद अध्यक्ष पद में कांग्रेस की सरस्वती खेतवाल ने किया कब्जा
.भाजपा की जीवंती भट्ट नेगी ने अंतिम समय तक दी टक्कर, रणनीति काम नही आई
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल।
नगर पालिका नैनीताल अध्यक्ष पद पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सरस्वती खेतवाल विजयी रही। उन्हें 8098 मत मिले, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जीवंती भट्ट को 2900 मतों से पराजित किया। नैनीताल नगर पालिका परिषद में 12 वीं पालिका बोर्ड में कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार कब्जा किया है। बता दें कि इससे पूर्व वर्ष 2003 से 2008 तक महिला पालिकाध्यक्ष के रूप में सरिता आर्या काबिज हुई थी। राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 तक अधिवक्ता संजय कुमार संजू पालिकाध्यक्ष थे। उसके बाद से 2008 तक कांग्रेस की सरिता आर्या के बाद 2009 से लेकर 2013 तक मुकेश जोशी मंटू उसके बाद 2013 से 2018 तक यूकेडी के श्याम नारायण पालिकाध्यक्ष रहे। नैनीताल में भाजपा अपनी हार का सिलसिला इस निकाय चुनाव में भी नहीं टाल सकी। जहां भाजपा इस बार दूसरे नम्बर पर रही। राज्य गठन के बाद हुए निकाय चुनाव में यहां भाजपा नहीं जीत सकी है। यहां तक की उसे कई बार विधानसभा के चुनाव में नैनीताल शहर से हार का मुंह देखना पड़ा था। वर्तमान निकाय चुनाव में भाजपा ने पालिकाध्यक्ष की सीट कब्जाने के लिए पूरी ताकत झोंकी थी। इस चुनाव को पूर्व विधायक संजीव आर्या व वर्तमान भाजपा विधायक सरिता आर्य की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था। यहां उक्रांद का प्रर्दशन बेहतर नही था। 2018 तक पालिका में उसी का कब्जा था। यहां कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन काम कर गया। पूर्व पालिका अध्यक्ष सरिता आर्य व मुकेश जोशी सहित कांग्रेस क लोगों ने सचिन की जीत के लिए पूरा जोर लगा दिया था। विधायक आर्य सहित अन्य नेताओं ने भी पूरा जोर लगा रखा था लेकिन कार्यकर्ताओं में एकजुटता की कमी व मनमुटाव के कारण कई स्थानों में भाजपा पीछे रह गई। कुल मिला कर इस बार नैनीताल के मतदाताओं ने कांग्रेस को कुर्सी पर बैठाया है। कांग्रेस पार्टी के जीत में पार्टी प्रत्याशी सरस्वती खेतवाल की व्यक्तिगत छवि और उनके सामाजिक कार्यों की लम्बी फेहरिस्त भी एक सर्वमान्य लीडर के तौर पर बन कर उभरी और तगड़ी जीत हासिल की। वहीँ भाजपा प्रत्याशी को शुरू से ही 32 बूथों में से हर बूथ पर ट्रेल करते हुए ही देखा गया जो सीधे तौर पर पार्टी की चुनावी रणनीति में कमी के साथ साथ प्रबंधन की कमी को भी दर्शाता है। वहीँ पार्टी विधायक सरिता आर्या के कार्यकाल में उनके क्षेत्र की 2 सीटों में भाजपा की करारी हार भी कई सवाल खड़े करती है, साथ ही चुनावों में उनकी कम सक्रियता ने भी परिणामों में काफी असर डाला। भाजपा के रणनीतिकारों को इसका आंकलन भी करना होगा की मुख्यमंत्री धामी की सभा के बाद भी अगर इतनी करारी हार होती है तो कहीं न कहीं इसका कारण तलाशना होगा । बहरहाल जो भी हो, इस चुनाव में संजीव आर्या ने एक बार फिर अपनी लोकप्रियता का दम दिखा दिया।

More in राजनीति

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING