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हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है महिला दिवस : महिलाओं को बराबरी का हक दिलाना उद्देश्य
हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है महिला दिवस : महिलाओं को बराबरी का हक दिलाना उद्देश्य
सीएन, नैनीताल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को महिलाओं के अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने लैंगिक समानता और किसी भी क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के उद्देश्य से मनाया जाता है। हर साल के तरह इस साल भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2025 दिन शनिवार को स्कूल, कॉलेज, सरकारी, गैर-सरकारी संस्थाओं, कॉरपोरेट सेक्टर और सामाजिक संगठनों द्वारा देशभर में मनाया जाएगा। यूनाइटेड नेशन की तरफ से हर साल 8 मार्च को किसी एक खास थीम पर महिला दिवस मनाया जाता है। इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तेजी से बदलाव लाएं, थीम पर मनाया जाएगा। यह थीम महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए तेजी से प्रगति करने की अपील करती है। जानकारी के लिए बता दें, पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सेलिब्रेट द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर थीम पर मनाया गया था। साल 1908 में ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पोलिटिकल यूनियन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने के लिए बैंगनी, सफेद और हरा रंग का चुनाव किया था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन के अनुसार, बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का सूचक होता है। वहीं हरा रंग उम्मीद और सफ़ेद रंग शुद्धता का सूचक होता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन कई सारी कंपनियांए सरकारी संस्थाएं और सामाजिक संगठन महिलाओं के योगदान को सम्मान देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। वहीं कुछ जगहों पर इस दिन महिलाओं के अधिकारों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें जागरूक करने के मकसद से रैलियां, सेमिनार, भाषण, जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1900 के दशक में हुई थी। 1908 में 15,000 महिलाओं ने बेहतर कामकाजी परिस्थितियों, उचित वेतन और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क शहर में मार्च किया था। जिसके बाद पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 19 मार्च 1911 को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में मनाया गया था 8 मार्च 1917 को जब रूसी महिलाओं ने हड़ताल की तो वह तारीख निश्चित हो गई। तब से 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की वैश्विक तारीख बन गई है। साल 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर इस दिन को 8 मार्च को मनाने की मान्यता दिया था। जिसके बाद से हर साल महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने और लैंगिक समानता पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल किसी विशेष थीम पर विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
