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अंतरिक्ष में हो सकती है एलियन मछलियां, वैज्ञानिकों को खोजने से रोक रहा सोलर स्टोम
अंतरिक्ष में हो सकती है एलियन मछलियां, वैज्ञानिकों को खोजने से रोक रहा सोलर स्टोम
सीएन, नईदिल्ली। यूरेनस के चांद पर जीवन की संभावना काफी ज्यादा है। नए शोध में दावा किया गया है कि वहां समुद्र हो सकते हैं और उसमें ढेर सारी मछलियां भी हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि यूरेनस के चांद पर जीवन की संभावना काफी ज्यादा है। हाल ही में किए गए शोध के अनुसार ऐसा हो सकता है कि वहां सागर हो और उसमें जीवन भी। पर पूर्व में वैज्ञानिकों ने खराब मौसम के कारण कुछ महत्वपूर्ण डेटा गलत प्राप्त किए थेए जिसके कारण उन्हें लगता था कि यूरेनस का चांद निर्जन है वहां कुछ नहीं है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यूरेनस के 5 चंद्रमाओं के बारे में हम जो पहले जानते थे, वह काफी हद तक अगस्त 1977 में लॉन्च किए गए नासा के वॉयजर 2 जांच पर आधारित था। वॉयजर 2 के डेटा ने अंतरिक्ष के जानकारों को यह विश्वास दिलाया कि चंद्रमा काफी हद तक उजाड़, रेगिस्तान जैसे ग्रह थे। वॉयेजर 2 इस समय अंतरिक्ष में है तथा पृथ्वी से लगभग 13 अरब मील दूर है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अब ऐसा लगता है कि वॉयजर 2 का डेटा एक सौर तूफान के बीच भेजा गया थां इससे डेटा गलत हो गया वैज्ञानिकों को अब तक लगता था कि वो मृत दुनिया होगीं नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित नए निष्कर्षों से पता चलता है कि ये उपग्रह सक्रिय हो सकते हैं और उनमें महासागर भी हो सकते हैंं यूसीएल के भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग के सहलेखक डॉ. विलियम डन ने बीबीसी से कहा कि महासागर मछलियों से भरे हुए हो सकते हैंं इस ग्रह के बारे में जितना सोचते थे, उससे भी कम जानते हैं और इस रहस्यमयी, बर्फीली दुनिया को वास्तव में समझने के लिए हमें दूसरे अंतरिक्ष यान की और भी अधिक आवश्यकता हैं।
अंतरिक्ष के समंदरों में कैसी होगी ज़िंदगी
हालिया खोज के बाद खगोलीय जीव वैज्ञानिकों का ये मानना है कि हमारे सौर मंडल के तमाम ग्रहों के चंद्रमाओं में जीवन होने की संभावना ज्यादा है और अब इस संभावना को और ज़्यादा तलाशने के लिए कई अंतरिक्ष अभियानों की योजना पर काम चल रहा है।
धरती के करीब ग्रहों से इतर जो दूर के ग्रह हैं उनके चंद्रमा पर पानी होने की संकेत मिले हैं। जैसे कि बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा यूरोपा के बारे में माना जाता है कि उस पर धरती के सारे समंदर में मौजूद पानी से भी ज्यादा पानी है। इस पानी और इस में मौजूद जीवन की अंतरिक्ष के रेडिएशन और उल्कापिंडों से हिफाजत के लिए कई किलोमीटर मोटी बर्फ की परत है। इसी तरह शनि ग्रह के चंद्रमा एन्सेलेडस से उठती पानी की फुहारों से ऐसा लगता है कि उन के भीतर पानी का तापमान इतना गर्म होगा कि उस पर तरल समंदर मौजूद हों। जिन्हें सूरज से नहीं बल्कि उनकी अंदरूनी ऊर्जा और रेडिएशन से गर्मी मिलती हो और इन्हें ये ताकत उन ग्रहों से मिलती है जिनका ये चंद्रमा चक्कर लगाते हैं। अब कई ग्रहों के चंद्रमा, जैसे यूरोपा, कैलिस्टो, गैनीमीड और एन्सेलाडस पर पानी होने के सबूत मिल चुके हैं। इस साल जून में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, एन्सेलाडस पर पिछले एक अरब साल से समंदर मौजूद है। इतने समय में जिंदगी की शुरुआत हो जाती है।
