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2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा को 14 मार्च दिन शुक्रवार को लगेगा, जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रहण से रखें दूर

2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा को 14 मार्च दिन शुक्रवार को लगेगा, जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रहण से रखें दूर
सीएन, हरिद्वार। भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहण का बहुत अधिक महत्व माना गया है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में विराजमान विभिन्न प्रकार के ग्रहों का हमारे जीवन के विभिन्न दृष्टिकोणों पर अलग.अलग शुभ अथवा अशुभ प्रभाव पड़ता है। इनमें सूर्य और चंद्रमा नवग्रह में मुख्य ग्रह माने जाते हैं। जहां सूर्य आत्मा और जगत का कारक माना जाता है तो वहीं चंद्रमा हमारे मन का कारक माना जाता है। यही वजह है कि जब सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगते हैं तो वैदिक ज्योतिष में इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। ग्रहण काल में जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रहण दोष भी लगता है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के आकार लेने से पहले उसके प्रभाव दिखाई देने शुरू हो जाते हैं और ग्रहण की समाप्ति के बाद भी काफी दिनों तक उसका असर देखने को मिल सकता है। यह केवल मनुष्यों पर नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के जीव.जंतुओं और पर्यावरण के अन्य घटकों पर भी अपना प्रभाव दिखाते हैं और संपूर्ण प्राणी मात्र को विभिन्न रूपों में प्रभावित करते हैं।नए साल में 2 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण लगेंगे। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन और सूर्य ग्रहण अमावस्या को लगता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार नए साल के साथ व्रत, त्योहार, पर्व का सिलसिला शुरू होगा। ऐसे ही ग्रहण लगेंगे। सबसे पहले चंद्र ग्रहण लगेगा। यह हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है। उसके बाद सूर्य ग्रहण लगेगा। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को लगता है। नए साल में 2 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण लगेंगे। 2025 का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा को 14 मार्च दिन शुक्रवार को लगेगा। उस दिन सुबह 9 बजकर 29 मिनट से चंद्र ग्रहण का पहला स्पर्श होगा यानी इसकी शुरुआत होगी। चंद्र ग्रहण का समापन दोपहर 3 बजकर 29 मिनट पर होगा। इस समय उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श होगा। यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के प्रारंभ समय से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। यह चंद्र ग्रहण एशिया के अधिकांश हिस्सों पूरे यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका में दिखाई देगा लेकिन भारत में दृश्य नहीं होगा। इस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। नववर्ष 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर दिन रविवार को रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा। इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा है। इस ग्रहण का समापन देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर होगा। चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 28 मिनट 2 सेकंड की है। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर में 12 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो जाएगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। नए साल में पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर लगेगा। इस सूर्य ग्रहण का समापन शाम को 6 बजकर 13 मिनट पर होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। पहला सूर्य ग्रहण भी भारत में दृश्य नहीं होगा। इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। साल 2025 का दूसरा सूर्यग्रहण 21 सितंबर को रात 10 बजकर 59 मिनट पर लगेगा। उस दिन आश्विन अमावस्या होगी। यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इस सूर्य ग्रहण का समापन अगले दिन 22 सितंबर को तड़के 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा।

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